Tuesday 12 June 2012

देश में भगवान सूर्य के कई प्रख्यात मंदिर हैं। सभी के अपने महत्व हैं परंतु देव सूर्य मंदिर का अलग महत्व है। छठ मेला के दौरान देव सूर्य मंदिर के प्रति लोगों की विशेष आस्था है। सौर्य तीर्थ के रूप में विख्यात देव में काले पत्थरों को तराशकर बनाया गया सूर्य मंदिर अपनी शिल्प कला व मनोरम छटा के लिये विश्व विख्यात है। आपही पालनहार हैं क्षमा करहूं क्लेश, तीन रूप रवि आपका ब्रह्मा, विष्णु, महेश। सूर्य स्रोत का यह पंक्ति तीन रुपी एकादश सूर्य को दर्शाता है। मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के रूप में विद्यमान है।

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